साइबर अपराध मे प्रतिबिम्ब एप्प


साइबर अपराधों की एक बाढ़ सी आई हुई है.भारत में हर दिन औसतन 7,000 साइबर अपराध की शिकायतें दर्ज की जाती हैं। यह संख्या 2021 और 2023 के बीच 113.7% और 2022 से 2023 तक 60.9% की वृद्धि दर्शाती है। इसलिए सरकार और पुलिस प्रशासन लगातार साइबर अपराधों को रोकने और उनकी दहशत से आम जनजीवन को बचाने के लिए प्रयासरत है. ऐसे में "प्रतिबिम्ब एप्प" अँधेरे में रोशनी की किरण बनकर उभरा है.

➡️ क्या है प्रतिबिम्ब-

 प्रतिबिंब एक मोबाइल ऐप है जिसे विशेष रूप से साइबर अपराधों से निपटने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह ऐप, भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) और संयुक्त साइबर अपराध समन्वय दल-जामताड़ा द्वारा विकसित किया गया है, जिसका उपयोग पुलिस और अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियां ​​साइबर अपराधियों को ट्रैक करने और पकड़ने के लिए करती हैं। प्रतिबिंब" एक जीआईएस (भौगोलिक सूचना प्रणाली) आधारित सॉफ्टवेयर है जिसे गृह मंत्रालय (एमएचए) के तहत भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आई4सी) द्वारा साइबर अपराधों पर नज़र रखने के लिए विकसित किया गया है। यह भारत भर में साइबर अपराधों में इस्तेमाल किए गए मोबाइल नंबरों के स्थानों को मैप करता है, जिससे कानून प्रवर्तन एजेंसियों को जांच में मदद मिलती है। इस मॉड्यूल ने हज़ारों साइबर अपराधियों की गिरफ़्तारी में अहम भूमिका निभाई है और कई साइबर जांच में सहायता की है।   

➡️ प्रतिबिंब ऐप का काम-

जब कोई साइबर अपराध होता है, तो पुलिस को आरोपी का मोबाइल नंबर मिलता है।प्रतिबिम्ब साइबर अपराध डेटा को देखने के लिए जीआईएस प्रौद्योगिकी का उपयोग करता है, जिससे कानून प्रवर्तन एजेंसियों को साइबर अपराधी गतिविधि के स्थानिक वितरण को देखने में मदद मिलती है।   

➡️  प्रतिबिंब ऐप के सॉफ्टवेयर में नंबर फीड-

ऐप उस नंबर का उपयोग करके साइबर अपराधी को ट्रैक करता है और उसकी लोकेशन के बारे में जानकारी प्रदान करता है। इस सॉफ्टवेयर से साइबर अपराधों में प्रयुक्त मोबाइल नंबरों के स्थानों की पहचान करना आसान हो जाता है, साथ ही, इसके सॉफ्टवेयर में फीड नंबर पर नज़र रखना सुविधाजनक हो जाता है, जिससे प्रतिबिम्ब एप्प डिजिटल धोखाधड़ी, वित्तीय घोटालों और डेटा उल्लंघनों को रोककर राष्ट्रीय सुरक्षा को बढ़ावा देता है।   पुलिस इस जानकारी का उपयोग करके छापेमारी करती है और अपराधी को गिरफ्तार करती है।

➡️ प्रतिबिम्ब एप्प का प्रभाव:-

INSIGHTS IAS के अनुसार , इसने 6,046 साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी में योगदान दिया है और 36,296 साइबर जांच में सहायता की है।   

➡️ राष्ट्रीय साइबर अपराध समन्वय:-

 कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए एक केन्द्रीय मंच के रूप में कार्य करता है, जो उन्हें आपराधिक गतिविधियों का मानचित्र-आधारित दृश्य उपलब्ध कराता है तथा तकनीकी-कानूनी सहायता उपलब्ध कराता है। प्रतिबिम्ब का डेवलपर I4C, वित्तीय साइबर धोखाधड़ी की रिपोर्टिंग के लिए "नागरिक वित्तीय साइबर धोखाधड़ी रिपोर्टिंग और प्रबंधन प्रणाली" और एक टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर (1930) का भी प्रबंधन करता है। वे डिजिटल गिरफ्तारी जैसे साइबर अपराधों में प्रयुक्त खातों की सक्रिय रूप से पहचान करते हैं और उन्हें ब्लॉक भी करते हैं।   

➡️ प्रतिबिम्ब का साइबर जागरूकता में व्यापक योगदान-

आई4सी एसएमएस, सोशल मीडिया, रेडियो और सार्वजनिक घोषणाओं जैसे विभिन्न माध्यमों का उपयोग करते हुए साइबर अपराध पर व्यापक जागरूकता अभियान भी चलाता है।

➡️ प्रतिबिंब एप्प की मुख्य विशेषताएं:- 

🌑 साइबर अपराधियों की पहचान और वास्तविक समय स्थान ट्रैकिंग.

🌑 साइबर अपराधों में इस्तेमाल होने वाले मोबाइल नंबरों की मैपिंग.

🌑 अपराधियों को पकड़ने के लिए पुलिस को सटीक लोकेशन प्रदान करना.

🌑 साइबर अपराधों पर प्रभावी अंकुश.

       साइबर अपराधों और साइबर ठगों पर लगाम कसने में सरकार और प्रशासन तत्पर हैं. रोज इस संबंध में जागरूकता फैलाने के कार्य किये जा रहे हैं किन्तु सबसे ज्यादा जरुरी जनता का जागरूक होना है. ऐसे में, जनता के लिए जरुरी है कि वह साइबर अपराध के खिलाफ चलाये जा रहे अभियान में सरकार का, प्रशासन का साथ दें और कोई भी घटना होने पर तुरंत टोल फ्री हेल्पलाइन नम्बर 1930 पर कॉल करें क्योंकि आपकी सतर्कता और जागरूकता ही आपकी सुरक्षा है.

धन्यवाद🙏🙏

द्वारा

शालिनी कौशिक

एडवोकेट

कैराना (शामली)





टिप्पणियाँ

  1. पहली बार आपके ब्लॉग से ही पता चला है प्रतिबिंब एप्प के बारे में, अब पता चला है कि आज कल साइबर अपराधियों के पकड़े जाने मे गति क्यूँ आई है. सार्थक नवीन जानकारी के लिए आभार 🙏🙏

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. स्वस्थ प्रतिक्रिया हेतु हार्दिक धन्यवाद 🙏🙏

      हटाएं

एक टिप्पणी भेजें

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

कैसे रोकें अमिताभ बच्चन कॉलर ट्यून

साइबर क़ानून भारत में

साइबर ठग आपके आसपास -अलर्ट