I4C क्या है



भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आई4सी) की स्थापना गृह मंत्रालय द्वारा नई दिल्ली में भारत में साइबर सुरक्षा के लिए नोडल सरकारी एजेंसी क़े रूप में की गई थी, जिसका उद्देश्य साइबर अपराध से समन्वित और व्यापक तरीके से निपटने के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों (एलईए) को एक ढांचा और पारिस्थितिकी तंत्र प्रदान करना है।

➡️ "I4C

I4C का फुल फॉर्म है भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (Indian Cybercrime Coordination Centre). यह भारत सरकार के गृह मंत्रालय की एक पहल है, जिसका उद्देश्य देश में साइबर अपराधों से निपटने के लिए एक समन्वित और व्यापक प्रणाली प्रदान करना है. भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) को 10 जनवरी 2020 को औपचारिक रूप से शुरू किया गया था, जिसका उद्देश्य साइबर अपराधों को रोकने, पता लगाने, जांच करने और मुकदमा चलाने के लिए एक प्रभावी ढांचा और पारिस्थितिकी तंत्र बनाना है. यह केंद्र विभिन्न घटकों के माध्यम से काम करता है,  I4C भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) को संदर्भित करती है,यह भारत सरकार के गृह मंत्रालय की एक पहल है। I4C को कानून प्रवर्तन एजेंसियों और अन्य हितधारकों के लिए एक ढांचा प्रदान करके समन्वित और व्यापक तरीके से साइबर अपराध से निपटने के लिए डिज़ाइन किया गया है।  

➡️ I4C का उद्देश्य: 

    I4C भारत में साइबर अपराध से लड़ने के लिए एक नोडल बिंदु के रूप में कार्य करता है, जिसका उद्देश्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच समन्वय में सुधार करना, भारत की साइबर अपराध से लड़ने की क्षमताओं को बढ़ाना और नागरिक संतुष्टि में वृद्धि करना है।   

➡️ I4C की स्थापना: 

   I4C 2018 में गृह मंत्रालय के तहत साइबर अपराध से लड़ने के लिए एक नोडल एजेंसी क़े रूप में स्थापित की गई है. I4C में राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी) और राष्ट्रीय साइबर फोरेंसिक प्रयोगशाला (एनसीएफएल) जैसी पहल शामिल हैं।   

➡️ राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल: 

     I4C नागरिकों को साइबर अपराधों की ऑनलाइन रिपोर्ट करने की सुविधा देता है।   

➡️ राष्ट्रीय साइबर फोरेंसिक प्रयोगशाला: 

    I4C कानून प्रवर्तन एजेंसियों को फोरेंसिक उपकरण और सहायता प्रदान करता है।   

➡️ साइबर जागरूकता एवं क्षमता निर्माण: 

     I4C का ध्यान साइबर अपराध की जांच और रोकथाम पर कानून प्रवर्तन एजेंसियों, सरकारी अभियोजकों और न्यायाधीशों को प्रशिक्षित करने पर केंद्रित है।   

➡️ साइबर अपराध से लड़ने में सहयोग:

      I4C धोखाधड़ी का पता लगाने और रोकथाम को बढ़ाने के लिए बैंकों, भुगतान फर्मों और दूरसंचार सेवा प्रदाताओं सहित विभिन्न हितधारकों के साथ काम करता है।

टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

कैसे रोकें अमिताभ बच्चन कॉलर ट्यून

साइबर ठग एलियन नहीं हैं -डरें नहीं -मुकाबला करें.

राजस्थान साइबर फ़्रॉड