क्रेडिट और डेबिट कार्ड स्किमिंग


आज हम आपको बताने जा रहे हैँ कार्ड स्किमिंग स्कैम के बारे में, जिसके शिकार भी जाने अनजाने में आप स्वयं ही बन रहे हैँ. ध्यान दीजिये, आप पेट्रोल पंप पर अपनी गाड़ी में पेट्रोल भरवाने के लिए जाते हैँ वहां पीओएस मशीन में आप पैसे के लेन देन के लिए अपना क्रेडिट या डेबिट कार्ड डालते हैँ या स्वाइप करते हैँ, पीओएस (पॉइंट ऑफ़ सेल) मशीन, जिसे पीओएस टर्मिनल भी कहा जाता है, एक ऐसा उपकरण है जिसका उपयोग व्यवसाय ग्राहक लेनदेन को इलेक्ट्रॉनिक रूप से संसाधित करने के लिए करते हैं । यह भुगतान को सरल बनाता है, त्रुटियों को कम करता है, और समग्र ग्राहक अनुभव को बेहतर बनाता है। पीओएस मशीनें क्रेडिट और डेबिट कार्ड सहित विभिन्न भुगतान विधियों को संभाल सकती हैं, और कुछ मोबाइल भुगतान और क्यूआर कोड स्कैनिंग भी कर सकती हैं।


      पीओएस मशीन के माध्यम से साइबर ठग आपको कार्ड स्किमिंग स्कैम में कैसे फंसाते हैँ, इसके बारे में राहुल मिश्रा, साइबर सिक्योरिटी एडवाइजर, उत्तर प्रदेश पुलिस बताते हैँ. कार्ड स्किमिंग स्कैम एक तरह की ठगी है, जिसमें ठग आपके डेबिट या क्रेडिट कार्ड की जानकारी चोरी कर लेते हैं। वे ATM मशीन, पेट्रोल पंप या दुकानों की कार्ड स्वाइप मशीन (POS मशीन) पर एक छोटा सा डिवाइस छिपाकर लगा देते हैं, जिसे स्किमर कहते हैं। जब आप उस मशीन में अपना कार्ड डालते हैं या स्वाइप करते हैं तो यह स्किमर आपके कार्ड की जानकारी (जैसे कार्ड नंबर और एक्सपायरी डेट) रिकॉर्ड कर लेता है। कई बार पिन चुराने के लिए कीपैड के ऊपर नकली कीपैड या कैमरा भी छिपाकर लगा दिया जाता है। बाद में ठग इसी जानकारी से नकली कार्ड बनाकर पैसे निकाल लेते हैं या ऑनलाइन शॉपिंग कर लेते हैं। 

✒️ स्किम कार्ड की पहचान-

 उत्तर प्रदेश पुलिस के साइबर सिक्योरिटी एडवाइजर श्री राहुल मिश्रा जी के अनुसार कार्ड स्किम हो गया है ये जानने के लिए आपको ध्यान देना होगा अपने खाते की वर्तमान स्थिति पर,अगर खाते से कोई ऐसा पैसा कटा है, जो आपने खर्च नहीं किया है तो यह स्किमिंग का पहला संकेत है। अक्सर साइबर ठग पहले छोटे-छोटे अमाउंट काटते हैं ताकि आपको या आपके बैंक को शक न हो।

इसके साथ ही आपको खाते में कोई गड़बड़ी होने पर यह ध्यान देना होगा कि क्या आपने हाल ही में किसी अजनबी या अजीब-सी मशीन (ATM या दुकान की कार्ड मशीन) पर कार्ड इस्तेमाल किया है और उसके बाद खाते में गड़बड़ी दिखी है तो हो सकता है वही मशीन स्किमर से लैस हो।

✒️ पेट्रोल पंप पर कार्ड स्किमिंग का खतरा ज्यादा -

राहुल मिश्रा, साइबर सिक्योरिटी एडवाइजर, उत्तर प्रदेश पुलिस के अनुसार-

" पेट्रोल पंप पर कार्ड स्किमिंग का खतरा ज्यादा होता है, क्योंकि वहां की कार्ड मशीनें, जिन्हें हमने अभी पॉइंट ऑफ़ सेल (POS) मशीन के रूप में आपके सामने प्रस्तुत किया है, वे अक्सर खुले में होती हैं और उन पर पेट्रोल पंप स्टॉफ की निगरानी अक्सर कम रहती है। साइबर अपराधी या कहें स्कैमर्स इन्हीं मशीनों पर स्किमिंग डिवाइस लगाकर कार्ड डेटा चुरा लेते हैं।" 

✒️ ऑनलाइन ट्रांजैक्शन से भी कार्ड स्किमिंग का खतरा-

 उत्तर प्रदेश पुलिस के साइबर सिक्योरिटी एडवाइजर श्री राहुल मिश्रा जी के अनुसार ऑनलाइन ट्रांजैक्शन से भी कार्ड स्किमिंग का खतरा रहता है। इसे ई-स्किमिंग या फिशिंग कहा जाता है। इसमें साइबर ठग आपको नकली वेबसाइट या लिंक शेयर कर उसे क्लिक करने के लिए कहते हैं, साइबर ठग द्वारा शेयर लिंक पर आप जैसे ही अपने क्रेडिट या डेबिट कार्ड की जानकारी डालते हैं, वे उस जानकारी को चुराकर आपका अकाउंट खाली कर देते हैँ.

✒️ कार्ड स्किमिंग और क्लोनिंग -

  यू पी पुलिस के साइबर एक्सपर्ट राहुल मिश्रा बताते हैं कि स्किमिंग पहली स्टेज होती है, जिसमें ठग कार्ड नंबर, पिन और दूसरी जानकारी चुराते हैं। क्लोनिंग अगली स्टेज है, जहां उस जानकारी से डुप्लीकेट कार्ड बनाकर धोखाधड़ी की जाती है। इस तरह -

✒️ कार्ड स्किमिंग-

🌑 यानी कार्ड की जानकारी को चोरी करना।

🌑 स्किमिंग डिवाइस के जरिए कार्ड से डेटा चोरी किया जाता है।

🌑 ATM, पेट्रोल पंप, दुकानों में POS मशीन में छुपे डिवाइस से डेटा चोरी होता है।

🌑 इसमें कार्ड नंबर, CVV, मैग्नेटिक स्ट्राइप डेटा चोरी होता है।

और

✒️ कार्ड क्लोनिंग-

🌑 चुराई गई जानकारी से नकली कार्ड बनाना।

🌑 चोरी हुए डेटा का इस्तेमाल करके नया क्लोन कार्ड बनाया जाता है।

🌑 ऑनलाइन डार्क वेब या साइबर क्रिमिनल्स द्वारा इसे अंजाम दिया जाता है।

🌑 कार्ड का पूरा डेटा, पिन और अन्य डिटेल्स चोरी होते हैं।

➡️ इसे नीचे दिए ग्राफिक से समझिए-👇

 

➡️ क्रेडिट कार्ड स्किमिंग स्कैम से बचने के लिए निम्न बातों का रखें ध्यान-

     क्रेडिट कार्ड स्किमिंग से बचने के लिए कुछ छोटी लेकिन जरूरी बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। खासकर पेट्रोल पंप जैसी जगहों पर, जहां POS मशीनें खुले में होती हैं और उन पर नजर रखना मुश्किल होता है.

1️⃣ RFID ब्लॉकिंग का प्रयोग- 

   RFID ब्लॉकिंग एक ऐसी टेक्नोलॉजी है, जो आपके क्रेडिट या डेबिट कार्ड को स्कैम से बचाती है। आजकल कई कार्ड ऐसे होते हैं, जिनमें चिप लगी होती है। इससे बिना मशीन में डाले भी पेमेंट हो सकता है। स्कैमर इसी तकनीक का गलत इस्तेमाल करके दूर से ही आपके कार्ड की जानकारी चुरा सकते हैं। RFID ब्लॉकिंग वाले वॉलेट, कार्ड कवर या बैग में एक खास तरह की परत (जैसे धातु की पतली शीट या स्पेशल कपड़ा) होती है। ये परत स्कैमर के स्कैनर से आने वाली तरंगों को कार्ड तक पहुंचने नहीं देती है। इस तरह आपका कार्ड सुरक्षित रहता है और उसकी जानकारी चोरी नहीं हो पाती। ये तकनीक भीड़ वाली जगहों जैसे मेट्रो, बस या बाजार में बहुत काम आती है।

2️⃣ स्किमिंग का शिकार होने पर-

   जैसे ही आपको पता चले कि आपके कार्ड से किसी ने धोखाधड़ी करके पैसे निकाल लिए हैं तो घबराएं नहीं। नीचे दिए गए स्टेप्स को फॉलो करें-

✒️ तुरंत बैंक को फोन करें-

सबसे पहले अपने बैंक को कॉल करें या बैंक की एप से कार्ड को ब्लॉक कराएं। उन्हें बताएं कि आपके साथ फ्रॉड हुआ है। जितनी जल्दी आप ये करेंगे, उतना नुकसान कम होगा।

✒️ बैंक को पूरी जानकारी दें-

बैंक को बताएं कि आपने ये ट्रांजैक्शन नहीं किया है। ट्रांजैक्शन की तारीख, समय और रकम की जानकारी दें। बैंक से कहें कि वे चार्जबैक प्रक्रिया शुरू करें, जिसमें वे पैसा वापस लाने की कोशिश करते हैं। इसके लिए आपको शिकायत पत्र और ट्रांजैक्शन की डिटेल्स देनी पड़ सकती हैं।

✒️ इंटरनेशनल ट्रांजैक्शन बंद करवाएं-

स्कैमर कई बार कार्ड का इस्तेमाल विदेशों में ऑनलाइन शॉपिंग के लिए करते हैं। अगर आपको शक है कि ऐसा हुआ है तो बैंक से इंटरनेशनल पेमेंट की सुविधा तुरंत बंद करवा दें।

✒️ साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत करें-

सिर्फ बैंक को बताना ही काफी नहीं है। www.cybercrime.gov.in वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन शिकायत दर्ज करें। अगर वेबसाइट इस्तेमाल करना मुश्किल हो तो नजदीकी पुलिस स्टेशन या साइबर क्राइम सेल में जाकर लिखित शिकायत करें।

➡️ क्रेडिट कार्ड स्किमिंग से सावधान रहें और अपनाएं 8 सेफ्टी टिप्स- राहुल मिश्रा, साइबर सिक्योरिटी एडवाइजर, उत्तर प्रदेश पुलिस के अनुसार ये 8 सेफ्टी टिप्स आजमाकर आप बहुत हद तक कार्ड स्किमिंग और क्लोनिंग से बच सकते हैँ-

1️⃣ ATM और POS मशीन की जांच करें।

2️⃣ चेक करें कि कार्ड स्लॉट या कीपैड में कोई छेड़छाड़ न हुई हो।

3️⃣ RFID ब्लॉकिंग वॉलेट का इस्तेमाल करें। इससे अनजान डिवाइसेस से डेटा चोरी नहीं होता है।

4️⃣ दुकानों और रेस्टोरेंट में कार्ड खुद स्वाइप करें।

5️⃣ केवल विश्वसनीय वेबसाइट्स से ही खरीदारी करें।

6️⃣ OTP और टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) का इस्तेमाल करें।

7️⃣ संदिग्ध ट्रांजैक्शन पर तुरंत बैंक से संपर्क करें.

8️⃣ अगर इसके बाद भी आपको लगता है कि आप कार्ड स्किमिंग के शिकार हो गए हैँ तो तुरंत www.cybercrime.gov.in पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराएं.

आभार 🙏👇


प्रस्तुति 

शालिनी कौशिक 

एडवोकेट 

कैराना (शामली )

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