बिजली बिल भी बना साइबर ठगी का माध्यम
आपकी बिजली काट दी जाएगी.......
@cybershalini
✒️ आपने तुरंत अपने बिजली बिल का भुगतान नहीं किया, तो आज आपकी बिजली काट दी जाएगी?
✒️ क्या ऐसा कोई कॉल, एसएमएस या वॉट्सऐप मैसेज मिला है आपको?
साइबर ठगों ने साइबर ठगी में बिजली के बकाया बिल भुगतान कराने के नाम पर अब यह पेंतरा अपनाया है, जिसमें वे उन लोगों को निशाना बना रहे हैँ जिन्होंने अपने बिजली के बिलों का एक लम्बे समय से भुगतान नहीं किया है. आपके ही आसपास से कोई, या आपको ही कॉल कर कोई आपसे यह जानकारी प्राप्त करता है और फिर आपके पास व्हाट्सएप्प मैसेज, एस एम एस या कॉल आती है जिसमे आपसे कहा जाता है आपने तुरंत अपने बिजली बिल का भुगतान नहीं किया, तो आज आपकी बिजली काट दी जाएगी? क्या ऐसा कोई कॉल, एसएमएस या वॉट्सऐप मैसेज मिला है आपको?अगर हां, तो आप ऐसे अकेले व्यक्ति नहीं हैं.
बिजली बिल भुगतान के नाम पर लापरवाह और अनभिज्ञ उपभोक्ताओं के बैंक अकाउंट साइबर ठगों द्वारा हल्के किये जा रहे हैँ, खाली किये जा रहे हैं. अभी हाल ही में साइबर ठगों ने दिल्ली के एक डॉक्टर को बिजली काटने की धमकी देकर उनके बैंक अकाउंट से 6 लाख रुपये उड़ा लिए. डॉक्टर ने बिजली बिल भुगतान के लिए साइबर ठगों की ओर से भेजे गए एक फर्जी लिंक पर क्लिक किया और उनके अकाउंट से 6 लाख रुपये गायब हो गए.
ऐसे में बीएसईएस, जिसका मतलब बॉम्बे सबअर्बन इलेक्ट्रिक सप्लाई है, दिल्ली में बिजली वितरण करने वाली दो कंपनियों में से एक का नाम है। यह दो कंपनियों में बंटी है: बीएसईएस राजधानी पावर लिमिटेड (बीआरपीएल) और बीएसईएस यमुना पावर लिमिटेड (बीवाईपीएल). बीआरपीएल दक्षिण और पश्चिम दिल्ली में बिजली वितरण करती है, जबकि बीवाईपीएल पूर्वी और मध्य दिल्ली में. बिजली उपभोक्ताओं के लिए लगातार जागरुकता अभियान चला रही है, जिसमें उन्हें सुरक्षित बिल भुगतान के तरीकों और माध्यमों के बारे में जागरूक किया जा रहा है. बीएसईएस ने अपने उपभोक्ताओं से कहा है कि वे सिर्फ बीएसईएस की ओर से अधिकृत प्लैटफॉर्म्स के माध्यम से ही अपने बिजली बिल का भुगतान करें.
➡️ साइबर ठग ऐसे बनाते हैं ठगी के शिकार:-
जिस तरह अपराधी हमेशा अपराध करने की जल्दी में होते हैं, उसी तरह साइबर ठग भी ठगी की सफलता के लिए काफी जल्दी में होते हैं और अपने शिकार को इमरजेंसी की स्थिति दिखाकर तुरंत बिल भुगतान न करने पर बिजली काटने की धमकी देते हैं.मैसेज या ईमेल के माध्यम से एक फोन नंबर भेजते हैं और उस पर कॉल करने को कहते हैं.मैसेज या ईमेल पर कोई फर्जी लिंक भेजते हैं और उस पर क्लिक कर भुगतान करने का निर्देश देते हैं. कोई एप्प डाउनलोड कर उसके माध्यम से बिल भुगतान के निर्देश देते हैं.ठग आपसे आपकी बैंक डिटेल, क्रेडिट या डेबिट कार्ड डिटेल मांगते हैं. वे सीवीवी नंबर या ओटीपी के बारे में भी पूछते हैं.जिसे हड़बड़ाहट, घबराहट या फिर अपनी बिल भुगतान न कर पाने की अपराधी स्थिति में उपभोक्ता फॉलो करता जाता है और साइबर ठग के जाल में फंस कर अपना बैंक अकाउंट खाली करवाने की स्वयं राह खोलता जाता है.
➡️ आपको पता होना चाहिए-
बीएसईएस हो या किसी भी विभाग का कोई भी अधिकारी हो,आपसे आपके बैंक या क्रेडिट/डेबिट कार्ड की डिटेल कभी नहीं पूछेगा, आपसे आपके कार्ड का सीवीवी नंबर नहीं मांगेगा, कभी आपसे ओटीपी के बारे में नहीं पूछेगा.अगर कोई भी आपसे बैंक क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड की डिटेल मांग रहा है,सी वी वी नंबर मांग रहा है, ओटीपी पूछ रहा है तो वह साइबर ठग है और बिजली बिल भुगतान के नाम पर आपसे ठगी का प्रयास कर रहा है.
➡️ ये 6 काम भूल से भी न करें-
1️⃣ एसएमएस/ईमेल पर आए किसी भी अज्ञात लिंक पर कभी क्लिक न करें.
2️⃣ संदेहास्पद फोन नंबरों पर कभी कॉल न करें.
3️⃣ फोन, ईमेल या मैसेज के माध्यम से किसी अज्ञात व्यक्ति के निर्देश पर बिल भुगतान के लिए कोई सॉफ्टवेयर या ऐप डाउनलोड न करें.
4️⃣ बिल भुगतान के लिए फोन, इमेल, मैसेज पर किसी भी व्यक्ति द्वारा दिए जा रहे स्टेप-बाय-स्टेप निर्देश का पालन न करें.
5️⃣ बिल भुगतान के वक्त अपना टीम व्यूअर, ओटीपी या कोई भी व्यक्तिगत या वित्तीय सूचना किसी भी व्यक्ति से साझा न करें, भले ही वह खुद को बिजली अधिकारी बता रहा हो.
6️⃣ अज्ञात ऐप या संदेहास्पद फोन नंबर या लिंक के माध्यम से बिल का भुगतान न करें.
➡️ इन 2 निर्देशों का पालन अवश्य करें-
1️⃣ बिजली कंपनी द्वारा सुझाए गए अधिकृत भुगतान विकल्पों के माध्यम से ही बिजली बिल का भुगतान करें.
2️⃣ सिर्फ प्रामाणिक प्लेटफॉर्म्स जैसे बीएसईएस वेबसाइट, बीएसईएस मोबाइल ऐप, बीएसईएस व्हाट्सएप, ई-वॉलेट जैसे माध्यमों से ही बिल का भुगतान करें.
➡️ बिजली बिल पेमेंट के भरोसेमंद माध्यम -
✒️ ई-वॉलेट: पेटीएम, फोनपे, गूगल पे, ऐमेजॉन पे, आदि
✒️ क्यूआर कोड:आपके बिजली बिल पर प्रिंटेड होता है.
✒️ पे नाउ ऑप्शन: बिजली के ई-बिल पर प्रिंटेड होता है.
➡️ साइबर ठगी का शिकार होने पर-
अगर आपको लगता है कि आपको साइबर ठगों द्वारा कोई मैसेज भेजा गया है या आप साइबर ठगी का शिकार हुए हैं, तो इसके बारे में तुरंत अपने डिस्कॉम और पुलिस/साइबर क्राइम सेल को बताएं.
पुलिस और साइबर क्राइम सेल की जानकारी आज लगभग सभी भारतीयों को समझी जा सकती है,डिस्कॉम के बारे में भी आप जान लीजिये, डिस्कॉम का मतलब "वितरण कंपनी" है। यह वह कंपनी है जो बिजली उत्पादकों से बिजली खरीदकर उपभोक्ताओं को वितरित करती है। दूसरे शब्दों में, डिस्कॉम बिजली वितरण नेटवर्क का प्रबंधन करती है और उपभोक्ताओं को बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करती है. भारत में, अधिकांश डिस्कॉम राज्य सरकारों के स्वामित्व में हैं. ये कंपनियां अक्सर वित्तीय और परिचालन चुनौतियों का सामना करती हैं, जैसे कि AT&C (Aggregate Technical and Commercial) घाटे, अपर्याप्त निवेश, और टैरिफ़ समायोजन में समस्याएं. सरकार ने इन चुनौतियों का समाधान करने के लिए कई पहलें की हैं, जैसे कि उज्ज्वल डिस्कॉम एश्योरेंस योजना (UDAY).
बिजली के बिल भुगतान किये जाने की साइबर ठगी के मामले अभी देश की राजधानी दिल्ली में ही सामने आये हैं, किन्तु जिस तरह से साइबर ठगों का जाल पूरे देश में फैलता जा रहा है ऐसे में आप कब साइबर ठगी के इस तरीके के शिकार बन जाएँ, कहा नहीं जा सकता, ऐसे में सतर्कता जरुरी है, जागरूकता जरुरी है.
मेरे चैनल और ब्लॉग की साइबर जागरूकता से जुडी वीडियो देखिये, पोस्ट का अध्ययन कीजिये. कोशिश यही है कि साइबर ठगों के जाल में फंसने से निर्दोष नागरिकों का बचाव किया जा सके. ब्लॉग और चैनल को सब्सक्राइब करें, फॉलो करें और अपनी समस्या कमेंट सेक्शन में शेयर करें और यदि हमारी पोस्ट, वीडियो से कोई फायदा होता है तो पोस्ट को शेयर भी करें. धन्यवाद 🙏🙏
द्वारा
शालिनी कौशिक
एडवोकेट
कैराना (शामली)
Very nice cyber security information thanks 🙏🙏
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