डीपफेक आपके लिए खतरा #alert




यह है न्यूजीलैंड की सांसद लॉरा मैक्ल्योर की AI से बनी न्यूड फोटो जो संसद में खुद लॉरा ने सभी के सामने दिखाई। यह तस्वीर असली नहीं थी,बल्कि डीपफेक थी, जिसे खुद ही इंटरनेट से लॉरा ने महज 5 मिनट में बनाया था। 

आज डीपफेक सिर्फ एक टेक्नोलॉजी नहीं रह गया है बल्कि यह वह खतरनाक हथियार बन गया है जिसने सोशल मीडिया और इंटरनेट की दुनिया में तहलका मचा दिया है। युवाओं, महिलाओं और किशोरियों को लिए खतरे की घंटी के रूप में माना जाने वाला डीपफेक किसी की छवि बिगाड़ने के साथ साथ उसके करियर को नुकसान गहरा नुकसान पहुंचा सकता है। 

इसलिए जरुरी है कि सतर्कता और सुरक्षा बरती जाये और एक सामान्य जानकारी डीपफेक की भी रखी जाये…

➡️ साइबर एक्सपर्ट 

✒️ राजेश दंडोतिया, एडिशनल डीसीपी, क्राइम ब्रांच, इंदौर

✒️ डॉ. पवन दुग्गल, साइबर सिक्योरिटी और AI लॉ एक्सपर्ट, नई दिल्ली

➡️ डीपफेक किसे कहते हैं-

विशेषज्ञ राय- डीपफेक एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) टेक्नोलॉजी है, जिसका इस्तेमाल करके किसी व्यक्ति के चेहरे, हाव-भाव, आवाज या बोलने के तरीके की बिल्कुल नकल तैयार की जा सकती है। इसके जरिए किसी के वीडियो या फोटो को इस तरह बदला जा सकता है कि वह देखने में पूरी तरह असली लगे, जबकि वह फर्जी या नकली होता है। इसे वीडियो, ऑडियो और फोटो तीनों फॉर्म में तैयार किया जा सकता है।

➡️  डीपफेक से खतरे का स्तर क्या है-

विशेषज्ञ राय - यह AI टेक्नीक बहुत खतरनाक है क्योंकि ये नकली वीडियो और फोटो इतने असली लगते हैं कि उन्हें पहचानना मुश्किल हो जाता है। इससे किसी की छवि खराब हो सकती है, झूठी खबरें फैल सकती हैं और लोग धोखे में पड़ सकते हैं। यह पर्सनल जीवन, समाज और राजनीति सभी के लिए बड़ा खतरा बन गया है।

➡️ आपकी प्राइवेसी के लिए डीपफेक खतरनाक क्यूँ है-

🌑 विशेषज्ञ राय-राजेश दंडोतिया, एडिशनल डीसीपी, क्राइम ब्रांच, इंदौर



✒️ आपकी पहचान या तस्वीर का गलत इस्तेमाल हो सकता है।

✒️ कोई आपके नाम से फेक वीडियो बनाकर ब्लैकमेल कर सकता है।

✒️ आपकी छवि खराब हो सकती है, लोग आप पर शक कर सकते हैं।

✒️ फेक खबरों से आपके रिश्ते और दोस्ती खराब हो सकती है।

✒️ आप स्कैम या झूठे मामलों में फंस सकते हैं।

✒️ आपकी प्राइवेसी का उल्लंघन हो सकता है।

➡️ डीपफेक में वीडियो या फोटो तैयार करने का तरीका-

🌑 विशेषज्ञ राय -डीपफेक वीडियो और फोटो बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग के साथ जेनरेटिव एडवर्सरियल नेटवर्क्स (GANs) का इस्तेमाल किया जाता है। इसके कुछ स्टेप्स हैं। जैसे कि-

✒️सबसे पहले किसी व्यक्ति की फोटोज, वीडियो क्लिप्स और आवाज के नमूने इंटरनेट या सोशल मीडिया से जुटाए जाते हैं।

✒️ AI मॉडल (जैसे GANs) उस व्यक्ति के चेहरे, हाव-भाव और आवाज की बारीकियों को सीखता है। इसमें दो मुख्य हिस्से होते हैं। जनरेटर जिसमें नकली इमेज या वीडियो बनाता है और डिस्क्रिमिनेटर, जो जांचता है कि वह असली है या नकली। दोनों के बीच तुलना के जरिए मॉडल और भी सटीक होता जाता है।

✒️ एन्कोडर और डिकोडर

🌑 एन्कोडर असली चेहरे से जरूरी फीचर्स निकालता है।

🌑 डिकोडर इन फीचर्स को किसी और वीडियो या फोटो में लगाकर नकली बनाता है।

     डीपफेक वीडियो की हर फ्रेम पर एडिटिंग होती है ताकि चेहरा और एक्सप्रेशन बिल्कुल रियल लगें।

➡️ हमें कैसे पता लगेगा कि कोई वीडियो या फोटो डीपफेक है?

विशेषज्ञ राय- AI में लगातार होते अपडेट की वजह से वीडियो या फोटो को पहचाना मुश्किल हो चला है। हालांकि कुछ बेसिक बातों का ध्यान रखकर कुछ हद तक इसकी पहचान हो सकती है। डॉ. पवन दुग्गल, साइबर सिक्योरिटी और AI लॉ एक्सपर्ट, नई दिल्ली द्वारा इसे नीचे दिए ग्राफिक में समझाया गया है



➡️ डीपफेक की पहचान-

🌑 वीडियो पहचानें-

✒️ पलकें असामान्य तरीके से झपक सकती हैं।

✒️ चेहरे के हाव-भाव अलग हो सकते हैं।

✒️ बैकग्राउंड में धुंधलापन या गड़बड़ी हो सकती है।

✒️ वीडियो का रेजोल्यूशन बहुत ज्यादा होता है।

✒️ वीडियो बहुत ज्यादा क्लीयर और शाइनिंग होता है।

✒️ वीडियो की लाइट और शैडो में फर्क हो सकता है।

🌑 ऑडियो पहचानें-

✒️ आवाज रोबोट जैसी लग सकती है।

✒️ वॉइस टोन और पिच में बदलाव हो सकता है।

✒️ बोलते समय कुछ हिस्सों में आवाज कट सकती है।

✒️ लिप मूवमेंट और आवाज में तालमेल नहीं होता है।

✒️ शब्दों का उच्चारण असामान्य हो सकता है।

🌑 फोटो पहचानें-

✒️ चेहरे के आसपास धुंधला दिख सकता है।

✒️ बाल, कान या आंख के आकार में अंतर हो सकता है।

✒️ बैकग्राउंड में चीजें टेढ़ी-मेढ़ी या असामान्य हो सकती हैं।

✒️ स्किन टेक्सचर बहुत स्मूद या प्लास्टिक जैसा लग सकता है।

➡️ डीपफेक के शिकार होने वाले ज्यादा लोग-  

डीपफेक के शिकार फ़िल्मी अभिनेता/अभिनेत्रियां, सेलिब्रिटी और प्रसिद्ध लोग बनते हैं। सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर सक्रिय महिलाओं, युवाओं आदि को भी डीपफेक का खतरा ज्यादा दिखाई दे रहा है. 

➡️ भारत में डीपफेक के खिलाफ कानून स्थिति-

 🌑 साइबर सिक्योरिटी और AI लॉ एक्सपर्ट डॉ. पवन दुग्गल के अनुसार-

 भारत में फिलहाल डीपफेक जैसे AI-जनरेटेड फर्जी वीडियो, फोटो या ऑडियो के लिए कोई विशेष कानून नहीं है, लेकिन कई मौजूदा कानून और धाराएं ऐसे मामलों में इस्तेमाल की जा सकती हैं। ये कानून डिजिटल हैरेसमेंट, निजता के उल्लंघन, फर्जी जानकारी फैलाने और महिलाओं के खिलाफ साइबर अपराध जैसे मामलों को कवर करते हैं। भारत में डीपफेक से जुड़े अपराधों के लिए आईटी एक्ट, BNS और आईटी नियम 2021 का संयुक्त रूप से इस्तेमाल होता है। जो कि निम्न हैँ-

✒️ आईटी एक्ट, 2000

✒️ धारा 66D- फर्जी पहचान से धोखाधड़ी।

✒️ धारा 66E- निजता का उल्लंघन (जैसे बिना अनुमति के किसी की फोटो/वीडियो लेना)।

✒️ धारा 67 और 67A- अश्लील या यौन कंटेंट को इलेक्ट्रॉनिक रूप में फैलाना।

➡️ डीपफेक से बचने के लिए आजमाएँ ये उपाय-

🌑 विशेषज्ञ: डॉ. पवन दुग्गल, साइबर सिक्योरिटी और AI लॉ एक्सपर्ट, नई दिल्ली



डीपफेक से खुद को बचाने के लिए सतर्कता और डिजिटल सावधानी बहुत जरूरी है। नीचे दिए गए उपाय अपनाकर आप अपनी तस्वीरों और पहचान की सुरक्षा कर सकते हैं-

1️⃣ अपने सोशल मीडिया अकाउंट को प्राइवेट रखें।

2️⃣ फोटो देखने की परमिशन सिर्फ जान-पहचान वालों को दें।

3️⃣ पर्सनल फोटो पर पासवर्ड या एक्सेस कंट्रोल लगाएं।

4️⃣ हाई-क्वालिटी फोटो पब्लिकली शेयर न करें।

5️⃣ सीधा चेहरा दिखाने से बचें, साइड एंगल बेहतर है।

6️⃣ फोटो पर हल्का वाटरमार्क या फिल्टर लगाएं।

7️⃣ स्नैपचैट या इंस्टाग्राम स्टोरी जैसे अस्थायी फीचर का इस्तेमाल करें।,

8️⃣ वेबसाइट पर फोटो का राइट-क्लिक ब्लॉक करें।

9️⃣ फेक कंटेंट दिखे तो तुरंत रिपोर्ट करें।

1️⃣0️⃣ बेस्ट ये होगा कि सोशल मीडिया पर ज्यादा पर्सनल फोटोज शेयर न करें।

   इस सबके बावजूद भी अगर आप डीपफेक का शिकार हो जाते हैँ तो घबराएं नहीं, तुरंत इसकी शिकायत निम्न स्थानों पर दर्ज कराएं-

1️⃣ साइबर क्राइम पोर्टल पर ऑनलाइन शिकायत करें।

https://www.cybercrime.gov.in में “Report Women/Child Related Crime” सेक्शन से डीपफेक की शिकायत दर्ज की जा सकती है।

✒️ वीडियो या इमेज का स्क्रीनशॉट, लिंक और अन्य सबूत अपलोड करें।

2️⃣ नजदीकी साइबर सेल या पुलिस थाने में जाएं।

✒️ शिकायत पत्र के साथ डीपफेक से संबंधित सभी सबूत (जैसे वीडियो, लिंक, चैट, स्क्रीनशॉट) साथ ले जाएं।

3️⃣ FIR दर्ज कराएं, खासकर अगर मामला महिला की गरिमा, धमकी या अश्लीलता से जुड़ा हो।

4️⃣ अगर डीपफेक कंटेंट फेसबुक, इंस्टाग्राम, एक्स (ट्विटर), यूट्यूब आदि पर हो तो संबंधित पोस्ट को रिपोर्ट करें और take down request डालें।

5️⃣ महिलाओं के मामलों में महिला हेल्पलाइन 1091 या 181 पर कॉल करें।

6️⃣ नेशनल कमीशन फॉर वुमन (NCW) की वेबसाइट पर भी शिकायत दर्ज की जा सकती है।

 डीपफेक आज एक समस्या बन गया है प्रसिद्ध महिलाओं और युवाओं के लिए, सेलिब्रिटी के लिए, अभिनेता, अभिनेत्रियों के लिए, इसलिए जरुरी यह है कि ये सभी कार्य करें और सतर्कता के साथ करें. आपकी सतर्कता ही आपकी सुरक्षा है.

@cybershalini 

और cyberdigital28.blogspot.Com से जुड़े रहें और इन उपायों को आजमाने के बाद भी कोई समस्या हो तो कमेंट सेक्शन में सूचित करें. आपकी समस्या का समाधान कर हमें प्रसन्नता होगी.

धन्यवाद 🙏🙏

द्वारा 

शालिनी कौशिक 

एडवोकेट 

कैराना (शामली )

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