कहीं आपके मोबाइल नम्बर से तो नहीं हो रही साइबर ठगी
आज साइबर अपराधियों द्वारा साइबर ठगी के नित नये तरीके इज़ाद किये जा रहे हैँ. स्थिति यह है कि पुलिस की पकड़ में साइबर ठगी का एक तरीका आता है तब तक कई और तरीकों से साइबर ठगी आरम्भ हो जाती है.
इन्हीं तरीकों में एक नया तरीका है मोबाइल नम्बर से ठगी, हालांकि, साइबर ठग मोबाइल से ही आपसे सम्पर्क करते हैँ किन्तु यहाँ हम बात कर रहे हैँ उन मोबाइल नम्बर की जिनसे साइबर ठग आपसे या किसी अन्य शिकार से बात करते हैँ वे नंबर आपके या आपके आसपास के ही किसी परिचित के भी हो सकते हैँ क्योंकि साइबर ठगी के लिए प्रयोग में लाये गए मोबाइल नम्बर किसी और की आईडी पर दर्ज होते हैं। ऐसे में ये सवाल उठ जाता है कि कहीं साइबर ठगों द्वारा अपराध के लिए आपकी आईडी का प्रयोग तो नहीं किया जा रहा है, कहीं साइबर अपराधियों ने आपका ही मोबाइल नंबर तो नहीं ले रखा है, जिसे जानने का तरीका भी बेहद आसान है। आइये जानते हैं...
साइबर अपराधी रोज नए-नए तरीकों से ठगी करते हैं, जहाँ तक पहुंचना आसान नहीं होता है। इसकी मुख्य वजह ये है कि जिस मोबाइल नंबर से साइबर अपराधी कॉल करते हैं, वो किसी और की आईडी पर रजिस्टर्ड होता है। ये आईडी किसी की भी हो सकती है। यदि आप को पता करना है कि आपकी आईडी पर कोई और सिम कार्ड तो नहीं चला रहा है, तो इसे पता करने का तरीका बेहद आसान है।
आगरा में डीसीपी सिटी के पद पर कार्यरत सोनम कुमार ने बताया कि
यदि आप जानना चाहते हैं कि आपके नाम पर कितने सिम एक्टिव हैं तो इसके लिए आपको सबसे पहले http://tafcop.sancharsaathi.gov.in/
पर जाना होगा। इसके बाद 10 अंकों का मोबाइल नंबर और कैप्चा कोड डालना होगा। इसके बाद आपको मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी आएगा। ओटीपी डालने के बाद लॉगिन करना होगा और उसके बाद पूरी लिस्ट सामने आ जाएगी। आपके नाम पर जितने सिम कार्ड एक्टिव होंगे वे सभी नंबर आपके सामने आ जाएंगे। यदि इस पोर्टल में आपको कोई ऐसा नंबर दिख रहा है जो कि आपके नाम पर है लेकिन आप इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं तो आप नंबर को लेकर शिकायत कर सकते हैं। इसके बाद उस नंबर को ब्लॉक कर दिया जाएगा। ऐसा करके आप किसी तरह के संभावित फ्रॉड या स्कैम से बच सकते हैं। नहीं तो किसी दिन आप भी किसी मामले में फंस सकते हैं।
अब थोड़ी सी जानकारी आपको संचार साथी की भी दे देते हैँ-
संचार साथी, दूरसंचार विभाग (DoT) की एक नागरिक-केंद्रित पहल है जिसका उद्देश्य मोबाइल उपभोक्ताओं को सशक्त बनाना, उनकी सुरक्षा को मज़बूत करना और सरकार की नागरिक-केंद्रित पहलों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। संचार साथी मोबाइल ऐप और वेब पोर्टल ( www.sancharsaathi.gov.in ) के रूप में उपलब्ध है।
इसलिए, अब तनाव में मत रहिये, सतर्क रहिये, जागरूक रहिये क्योंकि आपकी सतर्कता ही आपकी सुरक्षा है.
धन्यवाद 🙏🙏
द्वारा
शालिनी कौशिक
एडवोकेट
कैराना (शामली)
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