साइबर क्राइम =महत्वपूर्ण जानकारी


 ➡️ साइबर अपराध क्या है? 

साइबर अपराध ऐसे अपराध होते हैं जो कंप्यूटर, इंटरनेट या मोबाइल टेक्नोलॉजी का उपयोग करके व्यक्तियों, कंपनियों या संस्थाओं को लक्ष्य बनाते हैं। आप सोशल नेटवर्किंग साइट्स, ईमेल, फेक वेबसाइट्स, इत्यादि के माध्यम से साइबर अपराधियों का शिकार हो सकते हैं।

➡️ पहला साइबर अपराध -

पहला साइबर अपराध 1992 में हुआ था जब पहला पॉलीमॉर्फिक वायरस जारी किया गया था। साइबर अपराध के सबसे प्रमुख या पहले मामलों में से एक याहू बनाम आकाश अरोड़ा था। (1999)। इस मामले में, प्रतिवादी आकाश अरोड़ा पर 'yahooindia.com' ट्रेडमार्क या डोमेन नाम का उपयोग करने का आरोप लगाया गया था।

➡️ साइबर सुरक्षा का जनक -

साइबर सुरक्षा का जनक बॉब थॉमस को माना जाता है, जिन्होंने 1971 में पहला कंप्यूटर वायरस, क्रीपर, बनाया था. यह वायरस दुर्भावनापूर्ण नहीं था बल्कि कंप्यूटर नेटवर्क की कमजोरियों को उजागर करने के लिए बनाया गया था और इसने साइबर सुरक्षा की आवश्यकता को रेखांकित किया. 

🌑 बॉब थॉमस के योगदान:

✒️ उन्होंने 1971 में क्रीपर प्रोग्राम बनाया, जो पहला ज्ञात कंप्यूटर वायरस था. 

✒️ क्रीपर ने यह साबित किया कि कंप्यूटर प्रोग्राम नेटवर्क के माध्यम से एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में जा सकते हैं. 

✒️ इस वायरस ने शुरुआती कंप्यूटर सिस्टम की सुरक्षा कमजोरियों को उजागर किया, जिससे साइबर सुरक्षा की आवश्यकता पर जोर पड़ा. 

✒️ उनके काम ने बाद में पहले एंटीवायरस प्रोग्राम रीपर के विकास का मार्ग प्रशस्त किया.

       साइबर सुरक्षा और साइबर क्राइम से जुड़ी अध्यतन जानकारी के लिए जुड़े रहिये 

http://cyberdigital28.blogspot.com

@cybershalini से

सतर्क रहिये-सुरक्षित रहेंगे 👍

धन्यवाद 🙏🙏

प्रस्तुति 

शालिनी कौशिक 

एडवोकेट 

कैराना (शामली )

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