साइबर ठग एक-चेहरे अनेक
साइबर ठग जो न कर जाएँ, वो कम ही है. 20 सितंबर 2025 में हिंदुस्तान दैनिक में प्रकाशित एक समाचार के अनुसार, साइबर ठगों के बहरूपिये होने की जानकारी भी सामने आ रही है. साल 1973 में रिलीज हुई फिल्म दाग का यह गाना "एक चेहरे पर कई चेहरे लगा लेते हैं लोग...," भले ही यह गाना साइबर ठगों के लिए न गाया गया हो,भले ही इस गाने का अर्थ कुछ हो पर बिहार के एक साइबर ठग द्वारा जो किया गया है उस पर यह गाना सटीक वर्णन करता नजर आ रहा है.
बिहार के एक साइबर ठग ने अपने चेहरे को 68 सौ बार बदलकर साइबर ठगी के अपने इरादे को अंजाम दिया है। कभी बाल बड़े किये, कभी कटवा लिए । कहीं बनियान पहनकर तस्वीर खिंचवाई तो कभी शर्ट वाली फोटो लगाई। यहां तक कि घूंघट में बिंदी लगी फोटो पर भी सिम कार्ड लिया और इन्हीं का इस्तेमाल साइबर ठगी में किया। दूरसंचार विभाग के स्त्रा (एसटीआर) टूल के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) ने ऐसे कई मामलों को पकड़ा है।
अगस्त में दूर संचार विभाग के स्त्रा टूल (एसटीआरए) के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के द्वारा ऐसे दर्जनों जालसाजों को पकड़ा गया है, जिन्होंने चेहरा, नाम और लिंग बदल कर सिम खरीद कर साइबर ठगी की घटनाओं को अंजाम दिया है और यह संख्या एक दो नहीं बल्कि सौ से भी ज्यादा हैँ. कई कई तरह से रूप परिवर्तन करने वाले असंख्य साइबर ठग अब पुलिस की गिरफ्त में हैं। साइबर क्राइम पुलिस द्वारा इन बहरूपिये साइबर ठगों से बरामद सिम कार्ड को ब्लॉक किया गया है। दूर संचार विभाग की अगर हम मानें तो देशभर में बिहार में ऐसा पहला मामला पकड़ में आया जिसमें नालंदा के एक व्यक्ति ने 68 सौ बार केवल चेहरा बदल कर सिम कार्ड लिया। उसने ना नाम बदला और ना ही लिंग। बस चेहरा बदलकर राज्य के अलग-अलग हिस्सों से सिम की खरीद की। इस तरह से चेहरे बदलकर साइबर ठगी करने पर इस केस को देश का सबसे संगीन केस करार दिया है।
➡️ अधिकतम कितने सिम-
✒️ एक व्यक्ति ने चेहरा और नाम बदलकर 76 सिम कार्ड खरीदे। इसने तो महिला और पुरुष दोनों ही तरह के नाम पर इस्तेमाल किया।
✒️ एक साइबर ठग ने 29 बार नाम और लिंग बदल कर 52 सिम खरीदे।
✒️ एक साइबर ठग ने सौ नाम पर 213 सिम की खरीद की।
🌑 टेलीकॉम साइबर सेक्यूरिटी एमेंडमेंट रूल्स 2025 के अनुसार -एक व्यक्ति अपने नाम पर अधिकतम नौ सिम रख सकता है।
➡️ दूरसंचार विभाग के स्त्रा (एसटीआर) टूल--
चेहरा बदल कर सिम खरीदने वालों की पहचान विभाग का परम सिद्धि सुपर कंप्यूटर कर रहा है। जिस नंबर को इस कंप्यूटर पर डाला जाता है तो इसका स्ट्रा टूल इसकी तुरंत पहचान कर लेता है कि कितने सिम (नंबर) एक ही चेहरे पर खरीदे गए हैं। इस टूल में कन्वोल्यूशनल न्यूरल नेटवर्क है। किसी भी चेहरे की पहचान कई परत में करता है। विश्लेषण के दौरान तस्वीर के कुछ हिस्सों को स्कैन करके किनारों, बनावट और रंगों जैसी बुनियादी विशेषताओं का पता लगाता है। डुप्लीकेसी या नकली चेहरे की पहचान आसानी से हो जाती है।
➡️ पहचान बदलने के लिए साइबर ठगों के काम--
✒️ चेहरे को कभी गोरा तो कभी काला कर लेते हैं.
✒️ बाल का स्टाइल बदल लेते हैं.
✒️ दुपट्टा या ओढ़नी ओढ़ कर महिला का रूप धारण कर लेना.
✒️ मूंछ साफ करा कर या नकली मूंछ लगा कर.
✒️ मुंह फुलाकर और आंख की पुतली का रंग बदल कर.
✒️ आंख में काजल लगाकर और नथिया पहन कर.
➡️ विभाग का बयान-
दूर संचार विभाग बिहार सर्किल के उप महानिदेशक श्री सूर्य प्रकाश जी के अनुसार -चेहरा बदलकर सिम की खरीद करने वालों को तुरंत पकड़ा जा रहा है। बिहार में एक ही केस में एक शख्स ने 68 सौ बार चेहरे को बदलकर सिम कार्ड खरीदा और इसका इस्तेमाल साइबर ठगी में किया। उसे दूरसंचार विभाग के स्त्रा टूल के एआई सिस्टम से पकड़ा गया है।
साइबर ठगी का यह दौर रोज ऐसे कारनामें गढ़ रहा है जिसके आगे साइबर क़ानून और पुलिस ही बेबस नजर आते हैँ फिर आम आदमी की बिसात ही क्या है? ऐसे में अगर जरुरत है तो बस इतनी कि अपनी आँखे खुली रखी जाएँ और दिमाग़ में सतर्कता, जब बार बार ये कहा जा रहा है कि कहीं भी कुछ गलत महसूस हो तो पुलिस को सूचित करें. अपनी निजी जानकारी किसी को भी न दें, साइबर ठग कोई एलियन नहीं हैँ कि आकाश से उतरते नजर आएं, ये हमारे बीच के ही पढ़ें लिखें सभ्य समाज के लोग हैँ जो या तो साइबर ठगों के चंगुल में फंसकर साइबर ठगी की वारदात को अंजाम दे रहे हैँ या फिर खुद ही आधुनिक तकनीक के मास्टर माइंड बनकर समाज मे घुल मिलकर अपनों को ही लूट रहे हैँ. इसलिए आपको समझना होगा और जागरूक बनकर साइबर अपराध का मुकाबला करना होगा.
सतर्क रहिये-सुरक्षित रहेँगे.
धन्यवाद 🙏🙏
आभार 🙏👇
20 सितम्बर 2025द्वारा
शालिनी कौशिक
एडवोकेट
कैराना (शामली )
बहुत ही गूढ जानकारी दे रही हैं आप साइबर क्राइम की, धन्यवाद 🙏🙏
जवाब देंहटाएंटिप्पणी हेतु हार्दिक धन्यवाद 🙏🙏
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